Jyun Machhli Bin Neer (ज्यूं मछली बिन नीर)

375.00

Category: Tag:

Description

और /कसको देख कर कह)गे? सोए लोग क’ जमात ह है। तरह0रह क’ नींद) ह1। अलगअलग ढंग ह1 सोए होने के । कोई पद क’ शराब पी कर सोया है। ले/कन सार मनुंयता सोयी
ह7 है। 8ज9ह) तुम धािम:क कहते हो वे भी धािम:क नहं है ु , य/क $बना जागे कोई धािम:क
नहं हो सकता है। /हंद ह1 ू , मुसलमान ह1, ईसाई ह1, जैन ह1–ले/कन धािम:क मनुंय का कोई
पता नहं चलता। धािम:क मनुंय हो तो /हंद नहं हो सकता ू है। ये सब सोए होने के ढंग ह1।
कोई म8ःजद म) सोया हआ है ु , कोई मं/दर म) सोया है। म1 एक बड़े ?यारे आदमी को जानता
था। सरल थे, अदभुत Aप से सरल थे! और आCनेय भी थे, अ8Cन क’ तरह दCध कर द)।
नाम था उनका–महा-मा भगवानदन। वे जब भी बोलते थे तो बीच-बीच म) Eक जाते।
कहते, “बायां हाथ ऊपर करो। अब दायां हाथ ऊपर करो। अब दोन हाथ ऊपर करो।’ /फर
कहते, “दोन हाथ नीचे कर लो।’ म1ने उनसे पूछा /क यह बीच-बीच म) Eक कर लोग से
कवायद य करवानी? तो वे कहते, “यह तो मुझे पका हो जाए /क लोग जागे सुन रहे ह1
/क सोए ह1!’ और म1ने देखा /क यह सच था। जब वे कहते बाय) हाथ ऊपर करो, तो कु छ
तो करते ह नहं, कु छ दाय) कर देते।
रजब ने ह नहं, जो भी जागे उ9हने संबोधन ह /कया है सोए हए लोग को। ु ु सोए हए
को जगाना है। रजब का यह वचन बड़ा ?यारा है। पूरा वचन समझने जैसा है।
“8खन 8खन द8खया द8Cधये ु , $वरह $वथा तन पीर।
धड़ पलक म) $बनिसए, यूं मछली $बन नीर।।’
8खन 8खन द8खया द8Cधये ु ! लोग दCध हो रहे ह1 दख म)। ]ण ु -]ण दख ह दख। ूितपल ु ु
दख ह दख। और तो कु छ जाना ह ु ु नहं।
या है तुHहारा जीवन? जरा प9ने पलटो। अपनी कथा को देखो। aयथा ह aयथा है। हर
प9ने पर दख के दाग ह1। हर प9ने पर पीड़ा क’ िलखावट है। ु हर प9ने पर आंसू टपके ह1।
8खन 8खन द8खया द8Cधये जैसे कोई आग म) जलता हो ु ! और तुम पूछते हो /क नक: है या
नहं? नक: म) जीते हो और पूछते हो /क नक: है या नहं! मेरे पास लोग आ जाते ह1, वे
पूछते ह1 /क नक: है या नहं? म1 उनसे कहता हंू, “पागल! और तुम सोचते हो /क तुम हो
कहां! नक: म) ह हो। कहं और कोई नक: नहं है।’ यह सोच रहे ह1 कहं और भी नक: होगा।
नक: भी यहं, ःवग: भी यहं है। नक: जीवन क’ शैली है। यह कोई भौगोिलक ःथान नहं।
म1ने सुना, जब पहला Aसी अंतZर] याऽी चांद का पZरॅमण करके लौटा तो भुmेव ने उससे
पूछा–एकांत म) ःवभावतः, $बलकु ल अके ले म)–कहा /क दरवाजा भी बंद कर दे। पूछा /क
एक बात बता, चांद का चकर लगा कर आया, ईpर /दखाई पड़ा?
उसने मजाक /कया। उसने कहा, “हां, ईpर है।’ भुmेव ने कहा, “मुझे पहले संदेह था /क
होगा। मगर कसम खा ली /क /कसी और को न बताना।’
जो संमहालय माःको म) बनाया गया है, चांद से लाई गयी िमqट, प-थर का जहां संमह
है, अंतZर] के संबंध म) जो अब तक खोज हई है ु , िचऽ िलए गये ह1, उनका संमह है–
उसके rार पर िलखा हआ है /क हमारे अंतZर] याऽी चांद पर ु पहंच गये और उ9हने एक ु
बात सुिन8mत Aप से पायी /क वहां कोई ईpर नहं है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Jyun Machhli Bin Neer (ज्यूं मछली बिन नीर)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *